सोमवार, 18 अगस्त 2008

दूसरे-तीसरे दशक के कॉमेडियन हार्मोनिस्ट्स

कॉमेडियन हार्मोनिस्ट्स जर्मनी का दूसरे-तीसरे दशक का मशहूर ग्रुप रहा है, इतना मशहूर कि आप उनका शुमार पिछली सदी के सबसे सफ़ल म्यूज़िक ग्रुप्स में कर सकते हैं। मगर साथ ही यह भी सच है कि नाज़ियों के उत्थान के बाद लगभग 1934 के आसपास इस ग्रुप को ज़बर्दस्ती ख़त्म कर दिया गया और इसके बाद धीरे-धीरे लोग उनके बारे में भूलते गए। 1975 में एबेनहार्ड फ़ेश्नर द्वारा इस ग्रुप पर डॉक्युमेंटरी बनाए जाने तक यह ग्रुप लोगों के मानस पटल से उतरा ही रहा।
1997 में इस ग्रुप पर एक बेहतरीन फ़िल्म बनाई गई जिससे मुझे इस ग्रुप के बारे में पहली बार पता चला। मुझे इसे देखने का मौका तीन साल बाद मिला। मज़े की बात यह है कि फ़िल्म में ग्रुप के गाए गानों का ही प्रयोग किया गया है, उनकी रिकार्डिंग दोबारा नहीं की गई। फ़िल्म जर्मन में है मगर अमेरिका में भी लांच की गई थी और अन्य भाषाओं में भी डब की गई थी। यह ग्रुप अपने सफलता के दिनों में अमेरिका के लिये जाना पहचाना नाम था। छ: लोगों के इस ग्रुप ने अमेरिका में अपने कई प्रोग्राम किये थे और हॉलीवुड की कुछ फ़िल्मों में काम भी किया था। इन छ: लोगों में से तीन यहूदी थे और यही वजह थी कि नाज़ी ताकतों ने इस ग्रुप पर धीरे-धीरे पूर्णरूप से पाबंदी लगा दी थी जिसके बाद ग्रुप के यहूदी सदस्य देश छोड़ने को मजबूर हो गए थे।
छ: लोगों का मिलकर चला जादू अलग होने के बाद कभी दोबारा नहीं चला। अलग अलग तरह की गायन शैली और सुरों से जो वितान ये छ: लोग पैदा करते थे शायद वह एक की भी कमी पर नहीं बन पाया होगा। कारण जो भी रहे हों मगर सच यह है कि यह ग्रुप अद्भुत गीत गाता था और अर्थपूर्ण तो उस दौर के गीत होते ही थे।
नीचे गीत मैंने जर्मन में लिख छोड़ा है और साथ ही अपना मनचाहा अनुवाद भी। 





Irgendwo auf der Welt gibt's ein kleines bißchen Glück
und ich träum davon in jedem Augenblick.
Irgendwo auf der Welt gibt's ein bißchen Seligkeit
und ich träum davon schon lange, lange Zeit.
Wenn ich wüßt, wo das ist, ging ich in die Welt hinein,
denn ich möcht' einmal recht so von Herzen glücklich sein.

Irgendwo auf der Welt fängt mein Weg zum Himmel an,
irgendwo, irgendwie, irgendwann.
Ich hab' so Sehnsucht. Ich träum so oft:
Einst wird das Glück mir nah sein.
Ich hab' so Sehnsucht. Ich hab' gehofft:
Bald wird die Stunde nah sein.
Tage und Nächte wart' ich darauf.
Ich geb' die Hoffnung niemals auf.

Irgendwo auf der Welt gibt's ein kleines bißchen Glück
und ich träum davon in jedem Augenblick.
Irgendwo auf der Welt gibt's ein bißchen Seligkeit
und ich träum davon schon lange, lange Zeit.
Wenn ich wüßt wo das ist, ging ich in die Welt hinein,
denn ich möcht' einmal recht so von Herzen glücklich sein.
Irgendwo auf der Welt fängt mein Weg zum Himmel an,
irgendwo, irgendwie, irgendwann.
कहीं थोड़ी सी खुशी है
मैं अपलक उसके सपने देखता हूँ
किसी हिस्से में थोड़ा सा आनंद
मैं बरसों से उसे ढूंढ रहा हूँ
पता हो तो मैं वहां जाऊँ
कि मैं एक बार तहेदिल से खुश होना चाहता हूँ

दुनिया के किसी कोने से मेरे स्वर्ग का रास्ता फूटेगा
कहीं, कैसे न कैसे, कभी न कभी
चाह है मुझे, अक्सर सपना देखता हूँ
एक बार कामयाबी मिलेगी मुझे
इतना लालायित हूँ, उम्मीद है मुझे
वह घड़ी जल्द ही आएगी
दिन-रात इन्तज़ार करता हूँ मैं
और उम्मीद कभी नहीं छोड़ता

कहीं थोड़ी सी खुशी है
मैं अपलक उसके सपने देखता हूँ
किसी हिस्से में थोड़ा सा आनंद
मैं बरसों से उसे ढूंढ रहा हूँ
पता हो तो मैं वहां जाऊँ
कि मैं एक बार तहेदिल से खुश होना चाहता हूँ
दुनिया के किसी कोने से मेरे स्वर्ग का रास्ता फूटेगा
कहीं, कैसे न कैसे, कभी न कभी

3 टिप्पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

आभार जानकारी के लिए एवं पढ़वाने का आप को बहुत शुक्रिया.

बालकिशन ने कहा…

बेहतरीन लेख और रोचक जानकारी के लिए आभार.

Unknown ने कहा…

badhia kaam

 

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