कुछ वक़्त पहले इलायाराजा की एक अल्बम 'नथिंग बट विंड' हाथ लगी. यह उनकी दूसरी नॉन-फ़िल्मी अल्बम थी जिसे उन्होंने 1988 में कम्पोज़ किया था। इसमें बतौर बांसुरीवादक हरिप्रसाद चौरसिया का भी सहयोग था और जैसा कि नाम से ही मालूम पड़ता है अल्बम सुषिर वाद्यों पर आधारित है।
इस अल्बम को सुनते हुए दो चीज़ें एकदम ध्यान आकर्षित करती हैं। किसी भी ट्रैक को सुनते हुए लगता है कि यह किसी फ़िल्म का हिस्सा है और अगर आप इलायाराजा के संगीत से परिचित हैं तो यह अंदाज़ा लगाना भी मुश्किल नहीं कि यह उनके तरीके का संगीत है। दोनों ही बातों के पीछे शायद कारण यह है कि इलायाराजा ने सभी ट्रैक्स के लिए अपनी किसी न किसी फ़िल्म के गीतों को ही आधार बनाया है।
ज़्यादातर लोगों को अकसर अल्बम का टाइटल ट्रैक 'नथिंग बट विंड' अधिक पसंद आता है पर मुझे 'कोम्पोसर्स ब्रेद' बेहद प्रिय है। वही साझा कर रहा हूँ।
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