इंटरनेट बड़े काम की चीज़ है। इसपर घर बैठे-बैठे इतने काम हो जाते हैं कि कहीं जाने की ज़रूरत नहीं। इस वजह से बैठे-बैठे कमर दर्द को न्यौता दे बैठा। मगर सुखद पहलू यह है कि इसी की बदौलत दुनिया के सुदूर कोनों पर बैठे कई लोगों से मैं आज संपर्क में हूँ और कई अनदेखे दोस्त भी हैं। इंटरनेट की वजह से ही कई तरह के संगीत से वास्ता भी पड़ा है, जो शायद वैसे मैं कभी देख-सुन नहीं पाता।
इसी की बदौलत आज मेरे पास कई अनमोल-अप्राप्य संगीत है जो शायद वैसे दुनिया की किसी लाइब्रेरी में संग्रहीत नहीं होगा और यदि होगा भी तो मेरी और मेरे जैसे कई लोगों की पहुंच से बाहर ही रहता।
मास्टर मदन के बारे में भी इंटरनेट पर चरते हुए एक दिन पता लगा। यह पता लगना वास्तव में बहुत ही सीमित है। सिर्फ़ उतना ही जान सका जितना विकीपीडिया पर उपलब्ध था। गजब का प्रतिभावान गायक सिर्फ़ 14 बरस की उम्र में चल बसा और इन्होने अपने छोटे से जीवन में सिर्फ़ आठ गीत रिकार्ड करवाए।
पहली बार सुनते हुए मुझे यकायक विश्वास नहीं हुआ कि इस उम्र में कोई गायन में इतना परिपक्व हो सकता है। उदाहरण के लिये ये ठुमरी सुनिये।
8 टिप्पणियां:
महेन जी, मास्टर मदन की जो भी रिकॉर्डिंग्स उपलब्ध हैं उन्हें सुनकर वास्तव में यकीन नही होता कि ये इतनी कम उम्र के कलाकार का स्वर है। लगभग दो बरस पहले मास्टर मदन की पुण्यतिथि पर भास्कर के जालंधर एडीशन में एक पूरा पेज छापा गया था इनके जीवन पर। अगर कहीं मिले तो जरूर पढि़एगा।
जबरदस्त मेहन भाई...क्या नायाब हीरा निकाल कर लाये हैं. मास्टर मदन के बारे में पता तो था मगर ये...पहली बार सुना!! तबीयत मस्त हो गई.
मेरे लिए तो नयी खोज है भाई.....पर जरूर इन लिंक पर जाना चाहूँगा
yah behad prasiddh nam hai anurag ji
vastav men ye mahaan singar the
गला टूटा भी नहीं है, तब का रेकॉर्ड है । बढ़िया।
संग़ीत की इतनी समझ नही है पर 14 साल की उम्र में आठ गीत रिकार्ड कर देना अपने आप बहुत बड़ी बात है। इस प्रतिभा के बारे हमें नही पता था। आपने मुलाकात कराई इसके शुक्रिया।
... बेहद प्रभावशाली प्रस्तुति !!!!
एक टिप्पणी भेजें