बुधवार, 1 अक्टूबर 2008

प्रकृति-पुत्र की प्रेम-अभिव्यक्ति

लगता है दो दिन पहले सुनाए जागर को सुनकर यहाँ आने वाले लोग डर गए थे। सिवाय मीत भाई के कोई भी अपनी हाज़री नहीं लगा गया। इसलिय सोचा आज कुछ हटकर और ऐसा लगाया जाए जिसमें मास की रुचि हो।
कन्ट्री म्युज़िक ने एल्विस प्रेस्लि और गार्थ ब्रुक्स से होते हुए लंबे रास्ते तय किये हैं। संदर्भों से परे जब गीत समझ नहीं आते तो भी वे बरबस अपनी ओर खींच लेते हैं। अमरिकी जीवन में झांकने का एक माध्यम कन्ट्री म्युज़िक भी है और अगर ऐसा है तो मुझे लगता है "प्रकृति-पुत्र" जॉन डेनवर के गीतों को भुलाया नहीं जा सकता।
प्रेम पर हज़ारों गीत/कविताएं लिखे-गाए गए हैं मगर अभिव्यक्ति का चरम जैसा डेनवर के गीत "ऐनी'स सांग" में दिखता है वैसा असर अकसर कहीं दिखाई नहीं पड़ता। अपनी पत्नी ऐनी के लिये डेनवर ने यह गीत 1974 में लिखा और गाया था। यदि आप जानना चाहते हैं डेनवर ऐनी से कितना प्यार करते थे तो यह गाना सुन लीजिये, आपको अंदाज़ा हो जाएगा। वैसे इस प्रेम-गीत की प्रसिद्धि का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि यह गीत अमेरिका में हर शादी-ब्याह के मौके पर बजता था।



1 टिप्पणियां:

एस. बी. सिंह ने कहा…

बहुत सुंदर गीत । और हाँ जागर भी सुना था भाई । अपने गाँव की याद आ गई थी।

 

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