गुरुवार, 2 जून 2011

दूर दक्षिण से एक ताज़ातरीन गीत

कुछ समय पहले उरुमी नाम से एक मलयालम फ़िल्म बनी थी. खूब चर्चा में भी रही; सिर्फ केरल में ही नहीं बाहर भी. एक कारण तो यह कि अब तक की यह दूसरी सबसे महँगी मलयालम फ़िल्म थी और दूसरा यह कि इस फ़िल्म की कहानी एक प्रसिद्ध योद्धा पर आधारित है. हालाँकि केलु नामक इस नायक के बारे में ऐतिहासिक तथ्य मौजूद नहीं हैं किन्तु उसके अस्तित्व को नाकारा भी नहीं जा सकता. माना जाता रहा है कि केलु नयनार को अमरीका जैसी आफ़त खोजने वाले वास्को ड गामा की हत्या का काम सौंपा गया था. हत्या का कारण निश्चित ही अमरीका की खोज नहीं था. सोलहवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में वास्को ड गामा पुर्तगाल की ओर से पुर्तगाली आधिपत्य वाले भारतीय भूभाग के वायसराय थे.

संतोष सिवान का नाम हिंदी सिनेमावालों के लिए नया नहीं है. असोका जैसी बेवकूफ़ाना फ़िल्म बनाने वाले सिवान ने कुछ बेहतरीन फ़िल्में भी बनायीं हैं जैसे तहान. उरुमी भी उन्ही की फ़िल्म है और फ़िल्म के कुछ दृश्य देखने के बाद मैं कह सकता हूँ कि सिनेमाटोग्राफी के कमाल को नाकारा नहीं जा सकता. संतोष पेशे से सिनेमाटोग्राफर हैं और इस फ़िल्म में सिनेमाटोग्राफी भी उन्हीं की है.

जानता हूँ बात खिंचती जा रही है फिर भी एक बात और जोड़ना ज़रूरी लग रहा है. कुछ अरसा पहले मेरे एक मलयालम मित्र ने मुझसे पूछा कि हिंदी फ़िल्मों में पश्चिमी वाद्यों का इस्तेमाल इतना ज़्यादा क्यों होता है? उसके सवाल पूछने की वजह मुझे मालूम थी इसलिए मैं उसकी जिज्ञासा शांत कर सका. ऐसा नहीं कि दक्षिण भारतीय फिल्मों में पश्चिमी वाद्यों का इस्तेमाल नहीं होता, मगर मलयालम सिनेमा मलयाली लोगों की ही तरह बाकी के दक्षिण भारतीय सिनेमा से कुछ हद तक अलग है. किसी भी वाद्य का इस्तेमाल हो मगर गीत सुनने में भारतीय ही लगता है. उरुमी फ़िल्म के कुछ गीत कर्णप्रिय हैं और मेरे ख़याल से ऐसा इसलिए है क्योंकि संतोष ने संगीतकार दीपक देव को पश्चिमी वाद्यों के इस्तेमाल से दूर रहने की हिदायत दी थी. इसका असर गानों में दीखता है और आपको लगेगा की आप वाकई सोलहवीं शताब्दी में बैठे ये गाने सुन रहे हैं. फ़िल्म के बाकी गीतों की बनिस्पत चिम्मी चिम्मी गीत ज़्यादा प्रसिद्ध हुआ है. इस फ़िल्म के संगीत की प्रसिद्धी का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बंगलौर में जहाँ वैसे मलयाली गाने नहीं सुनाई देते, वहां भी चिम्मी चिम्मी यदा कदा सुनाई दे जाता है.

नीचे गीत का वीडियो लगा रहा हूँ जिससे सिनेमाटोग्राफी की भी थोड़ी झलक मिल जाये. साथ ही गीत के बोल भी. हिंदी तर्जुमे की उम्मीद इस ग़रीब के साथ ज्यादती होगी क्योंकि मलयालम को मैं भारत की सबसे ज़्यादा  विदेशी भाषा मानता हूँ. मेरे आधे से ज़्यादा सहकर्मी मलयाली हैं मगर कोई भी इस गीत का तर्जुमा करने को तैयार नहीं हुआ. ज़्यादातर लोग इस बारे में ही निश्चित नहीं थे कि गीत में चिम्मी चिम्मी कहा गया है या चिन्नी चिन्नी.
आखिर में यह भी बताता चलूं कि उरुमी का मतलब लचीली तलवार होती है. बाकी विकिपीडिया तो है ही.





Chimmi chimmi minni thilangana
vaaroli kannanukk
poovarash pootha kanakkane
anjunna chelanakk..
nada nada annanada kanda theyyam mudiyazhakum
nokk vellikinnam thulli thulumbunna chele..
(chimmi chimmi)
kolathiri vazhunna nattile valiyakarenne
kandu kothikum
illatholloramba kore neram kandu kaliyakum
samothiri kolothe anunga
mullapoo vasana ettumayangum
valittenne kannezhuthikkan varmukilodivarum
poorampodi paariyittum poorakaliyaditum
nokkiyilla nee ennitum neeyenthe
(chimmi chimmi)
poovambante ola chuvachoru
karimpuvillathe padathalava
vaaleduth veeshalle njanath murikin poovakkum..hmm
allimalar kulakadavile ayaluthi pennunga kandupidikum
nattunadappothavar nammale kettunadappakum
enthellam paditum mindathe mindittum
mindiyilla nee ennitum neeyenthe

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